भारतीय छात्र नाराज हैं | परीक्षा प्रणाली ध्वस्त हो रही है | SSC

यह वीडियो SSC Phase 13 परीक्षा में हुई भारी गड़बड़ियों और छात्रों के विरोध पर केंद्रित है। यहां मुख्य बिंदुओं को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है:

SSC Phase 13 Exam Controversy:

क्या हुआ?

SSC Phase 13 Exam 24 जुलाई से 1 अगस्त के बीच आयोजित हुआ था।
यह परीक्षा सरकारी विभागों में Group B और C पोस्ट्स के लिए होती है।
लाखों छात्रों ने परीक्षा दी, लेकिन इसमें जबरदस्त अनियमितताएं और तकनीकी खामियां देखी गईं।



मुख्य समस्याएं:

1. पेपर लीक:

कई छात्रों का आरोप है कि परीक्षा से पहले ही पेपर लीक हो गया था।
दूसरी और तीसरी शिफ्ट में 70-80% पेपर रिपीटेड थे।

2. तकनीकी गड़बड़ियां:

कंप्यूटर क्रैश, सर्वर डाउन, स्क्रीन बंद होना।
खराब क्वालिटी के माउस और पेन मिले।

3. एडमिट कार्ड और सेंटर अलॉटमेंट:

समय पर एडमिट कार्ड नहीं मिले या ब्लैंक कार्ड्स आए।
छात्रों को हजारों किलोमीटर दूर एग्जाम सेंटर दिए गए।

4. एग्जाम कैंसिलेशन:

कर्नाटक, दिल्ली समेत कई सेंटरों पर परीक्षा रद्द कर दी गई।
बिना सूचना के सेंटर पहुंचने पर छात्रों को बताया गया कि परीक्षा रद्द हो गई है।

5. बदतर सेंटर कंडीशन्स:

टूटी कुर्सियां, बिना पंखे के कमरे, खराब टॉयलेट और पीने के पानी की व्यवस्था नहीं।
कुछ सेंटर ग्रामीण क्षेत्रों या मकानों में बनाए गए थे।
एक सेंटर में DJ बज रहा था, जिससे शोर था।

6. इनविजिलेटर्स और स्टाफ का रवैया:

प्रोफेशनलिज्म की कमी।
स्टाफ रील्स देख रहे थे।
शिकायत करने पर बाउंसर बुलाए गए, छात्रों के साथ मारपीट भी हुई।

कौन जिम्मेदार है?

SSC ने परीक्षा संचालन का ठेका दिया था एक कंपनी को:
कंपनी का नाम: Edutquity Career Technologies।
पहले यह ठेका TCS के पास था, जिसे हटा दिया गया।

❗ इस कंपनी पर पहले भी कई आरोप लगे हैं:

पेपर लीक और चीटिंग के मामले (MP TET, MP Patwari, Maharashtra CET)।
2020 में DGT ने इस कंपनी को “इनएलिजिबल” घोषित किया था।
इसके बावजूद इसे बार-बार सरकारी कॉन्ट्रैक्ट मिलते रहे।

प्रदर्शन और विरोध:

31 जुलाई: हज़ारों छात्र दिल्ली में SSC के खिलाफ प्रदर्शन करने पहुंचे।
माँग:
एडिक्विटी से कॉन्ट्रैक्ट वापस लेना।
TCS को वापस नियुक्त करना।
SSC CGL Exam (13 अगस्त) को पोस्टपोन करना।
SSC का खुद का सॉफ़्टवेयर बनना चाहिए।
पारदर्शी जांच और री-एग्जाम की मांग।

⚠️सरकार की प्रतिक्रिया:

टीचर्स और छात्रों को हिरासत में लिया गया।
कई Twitter अकाउंट सस्पेंड कर दिए गए।
पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया।

बड़ा सवाल:

इतनी सारी शिकायतों और पुराने आरोपों के बावजूद इसी एक कंपनी को बार-बार ठेका क्यों दिया गया?
क्या इसमें कोई राजनीतिक या वित्तीय गठजोड़ है?


मूल संदेश:

छात्रों को केवल एक परीक्षा पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
यूट्यूब और कंटेंट क्रिएशन जैसे Plan B के विकल्प होने चाहिए।
वीडियो निर्माता ने इसके लिए YouTube Blueprint नाम से एक कोर्स भी प्रमोट किया।

निष्कर्ष:

यह वीडियो भारत की परीक्षा प्रणाली में गहराई से फैली हुई भ्रष्ट व्यवस्था, अनियमितताओं और छात्रों की उपेक्षा को उजागर करता है। इसमें छात्रों की पीड़ा, सरकारी तंत्र की निष्क्रियता और एक संदिग्ध कंपनी को बार-बार ठेका मिलने जैसे मुद्दों पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं।

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