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Dhruv Rathee ने Narendra Modi का सब कुछ खुलासा कर दिया — हिंदी में?”
तो आइए स्पष्ट और संक्षेप में समझते हैं कि ध्रुव राठी ने किस तरह नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर सवाल उठाए हैं, और क्या-क्या मुद्दे उठाए:
🔍 ध्रुव राठी द्वारा किए गए खुलासे – हिंदी में
1. तानाशाही प्रवृत्ति (Dictatorship Tendency
ध्रुव ने कहा है कि मोदी सरकार लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर कर रही है।
उदाहरण:
CBI, ED, और Supreme Court जैसी संस्थाएं अब स्वतंत्र नहीं रहीं।
हर फैसला एक ही व्यक्ति से जुड़ा दिखता है – “One man show।”
2. Adani विवाद और पूंजीवादी संबंध
ध्रुव राठी ने अडानी ग्रुप के साथ प्रधानमंत्री के कथित रिश्तों पर सवाल उठाए:
अडानी को बिना टेंडर के सरकारी ठेके।
LIC और SBI जैसे सरकारी संस्थानों का पैसा अडानी कंपनियों में निवेश।
Hindenburg रिपोर्ट का खुलासा।
3. नोटबंदी और GST का नुक़सान
ध्रुव का दावा:
नोटबंदी ने अर्थव्यवस्था को भारी झटका दिया।
GST से छोटे व्यापारियों की कमर टूट गई।
4. मीडिया का सरकारीकरण (Godi Media)
न्यूज चैनल अब स्वतंत्र नहीं हैं, सरकार के पक्ष में काम कर रहे हैं।
आलोचनात्मक पत्रकारों को दबाया गया (जैसे: Ravish Kumar, NDTV का अधिग्रहण)।
5. चुनाव प्रणाली और ईवीएम पर सवाल
Election Bonds से फंडिंग में पारदर्शिता नहीं।
विपक्षी नेताओं पर जांच एजेंसियों का इस्तेमाल।
सोशल मीडिया पर सरकारी प्रचार, फेक न्यूज फैलाना।
6. Pahalgam हमला और सुरक्षा चूक (2025)
ध्रुव ने बताया कि कैसे सुरक्षा एजेंसियों ने जानकारी के बावजूद तैयारी नहीं की।
मीडिया ने इसे “आतंकवादी हमला” कहकर घुमाया, जबकि असल में प्रशासनिक चूक थी।
7. FIR और सेंसरशिप
उनके Mind of a Dictator वीडियो को लेकर महाराष्ट्र में एक वकील पर FIR दर्ज हुई।
वीडियो को चुनाव से पहले “प्रचार नियमों” का उल्लंघन बताया गया।
निष्कर्ष
ध्रुव राठी ने नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं:
तानाशाही मानसिकता
कॉरपोरेट घरानों को फायदा
लोकतांत्रिक संस्थाओं पर कब्ज़ा
मीडिया की स्वतंत्रता खत्म
आम जनता के मुद्दों की अनदेखी
यदि आप चाहें, तो मैं आपको इन सभी वीडियो की लिंक या किसी एक टॉपिक पर डीप एक्सप्लेन भी दे सकता हूँ।
क्या आप किसी एक विषय पर और विस्तार से जानना चाहते हैं?
जैसे: अडानी मामला, गोदी मीडिया, या चुनावी फंडिंग?
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